The Ultimate Guide To hindi kahaniyan

hindi kahani for kids

ज्ञानदान, धर्मरक्षा, काला आदमी, चार आना, फूलों का कुरता

समस्याओं की ओर अधिक गया। परिवार एवं समाज में नारी-पुरूषों के सम्बन्धों तथा उनसे

शिल्प और कथ्य को लेकर कहानी लिखने वालों में- वृन्दावनलाल शर्मा - ( शरणागत

का प्रभाव परिलक्षित होता है। प्रसाद जी ने आधिकांश ऐतिहासिक कहानियाँ लिखी हैं, जिनकी भाषा

सामान्य मध्यमवर्ती मोहल्लों से है। इनकी अनेक कहानियाँ मानवीय संवदनाओं की

कहानियों का विषय बनाया मानव के अन्तर्द्वन्द्व को केन्द्र में रखने के कारण इन

कहानियों की संख्या में वृद्धि करने वाले अन्य कहानीकारों में, गंगा प्रसाद विमल, दूधनाथ सिंह, राजकमल चौधरी, गिरिराज किशोर, सुरेश सिंन्हा

घिल्डियाल पहाड़ी पंडित ज्वालाप्रसाद शर्मा, श्री गंगाप्रसाद श्रीवास्तव आदि का नाम बड़े आदर से लिया

स्वीकारते हैं कि खड़ी बोली हिन्दी में कहानी का आरम्भ उस समय हुआ जब अंग्रेजों के

जाता है। अनके पत्र-पत्रिकाओं में इन कहानीकारों की कहानियाँ प्रकाशित हुई, जिससे हिन्दी

इस युग के अन्य कहानिकारों की कहानियों में कम मिलती हैं। इनकी प्रसिद्ध कहानियों

विशेष रूप से व्यक्त हुई है। इन कहानिकारों में, जैनेन्द्र, इलाचन्द्र जोशी, अज्ञेय, भगवती चरण वर्मा, चन्द्र गुप्त विद्यालंकार, आदि कहानीकार

लड़कपन में वणिक्-पुत्र सुना करता कि सात समुद्र, नव द्वीप के पार एक स्फटिकमय भूमि है। वहाँ एक तपस्वी क्या जाने कब से अविराम तप कर रहा है और उसकी पवित्रता के कारण सूर्यनारायण निरंतर उसकी परिक्रमा किया करते हैं और उसके तेज़ से वहाँ कभी अंधकार नहीं होता। उस राय कृष्णदास

टूटने आदि कई विषयों पर कहानियाँ लिखी गई है। शिल्प की दृष्टि से इन कहानियों में

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